कोरोना (Corona) RNA वायरस है और हमारे पास जो अधिकांश टेस्ट मशीन है वह DNA (Double Helix ) टेस्ट के लिए बनी है। इसलिए RT-PCR TEST (जांच) में जब कोरोना टेस्ट में स्लाइवा लेकर करते है तो टेस्ट किट में घुमाना पड़ता है। क्योंकि उसे पहले DNA बनायेगे। RNA से DNA बनाने की प्रक्रिया को Reverse Transcription कहते है, यानि इसे RT कहते हैं।
जैसे जूस (Juice) निकालने के लिए हाथ वाली मशीन से उसे घुमाते है, तब जूस निकलता है जो कितने बार घुमाने पर जूस निकलता है, उसे CT साइकल कहते हैं। किसी का 5 बार घुमाने पर कोरोना डायग्नोस (Corona Diagnose) होता है, किसी का 10 बार में, किसी का 15 बार में किसी का 20 बार में किसी का 25 बार में किसी का 30 बार में यानि 35 बार तक घुमाते है। यदि 35 बार में किसी का डायग्नोस नहीं हुआ तो उसे कहते है कि कोरोना निगेटिव (Corona Negative) है। यदि किसी का 5 बार साइकल टाइम घुमाने पर कोरोना डायग्नोस हुआ तो मानते हैं कि उसे ज्यादा कोरोना है, 5 ही साइकल टाइम में कोरोना निकल आया। किसी का 25 साइकल टाइम पर कोरोना डायग्नोस हुआ तो हम मानते है उसको कम कोरोना था। यानि कोरोना जाँच में साइकल टाइम (CT) का भी महत्व है। लेकिन कोरोना अपने आप संख्या बढ़ा लेता है अतः यह मत सोचिए कि 5 CT वाला ज्यादा संक्रमित है और 25 CT वाला कम संक्रमित है।
👉 इस समय चार तरह के कोरोना मिल रहे हैं। पहला चाइनीज कोरोना जो 2020 में आया था। दूसरा स्ट्रेंथ कोरोना जो अपनी संक्रमण गति बहुत तेजी से बढ़ाता है। इन दोनों से संक्रमित लोग ज्यादा घातक है, जिसमें स्ट्रेंथ कोरोना सबसे खतरनाक है।
तीसरा और चौथा प्रकार का कोरोना टीका के बाद हो रहा है जिसमें लोग ज्यादा ठीक हो रहे है।
🌹 आक्सीमीटर (Oximeter) का कार्य 🌹
घर बैठे आक्सीमीटर (Oximeter) से भी संक्रमण (Infection) के विषय में जान सकते हैं। आक्सीमीटर (Oximeter) तीन चीजें बताता है –
१. Spo2 (Saturated Pulse Oxygen) जो 94% होना चाहिए। यह शरीर में आक्सीजन (Oximeter) का लेवल बताता है। 94% से कम आक्सीजन (Oxygen) पर संक्रमण का खतरा रहेगा।
२. Pr (Pulse Rate) जो 60 से 90 के बीच होना चाहिए। यह हार्ट का पल्स रेट (Pulse Rate) बताता है। आक्सीजन लेवल (Oxygen Level) कम होने पर पल्स रेट (Pulse Rate) कम हो जाता है। संक्रमण में पल्स रेट (Pulse Rate) भी कम होता है।
३. PI (Perfusion Index) यह 2 से 20 के होना चाहिए। यह बताता है कि पतली से पतली नसों (Nerves) में भी आक्सीजन (Oxygen) की सप्लाई हो रही है या नहीं।
ध्यान रखे जिन्हें शुगर है उनका जिंक (Zinc) पहले से कम होता है, इसलिए वह सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। क्योंकि जिंक आक्सीजन लेवल बढ़ाता है। अतः उन्हें जिंक युक्त मल्टीविटामिन्स (Zinc-rich Multivitamins) की सलाह (Advice) दी जाती है। या गर्म दूध (Hot Milk) से जिंक युक्त औषधि की सलाह दी जाती है। जिंक का अच्छा स्रोत मूँगफली (Peanuts), लहसुन (Garlic), तिल में मिलता है।
कोरोना रोगी (Corona Patient) को ऑक्सीजन (Oxygen) बढाने के लिए ज्यादा गर्म पानी (Hot Water) पीने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इंफेक्शन में पानी कम होता है।
दूसरा विटामिन सी (Vitamin C) यानि आँवला (Amla) का सलाह देते हैं उसके नींबू (Lemon), मौसमी, संतरा (Orange) आदि का। आजकल आक्सीजन लेवल (Oxygen level) कम होने पर डॉक्टर (Doctor) डेक्सामेथासोन (Dexamethasone) व रेडमीसेवर (Remdesivir) की सलाह देते हैं।अतः घर पर कपूर (Kapoor), अजवाइन (Celery), तेजपत्ता (Bay Leaf), पुदीना (Peppermint), नीलगिरी (Eucalyptus) आदि की भाप (Steam) लेते रहे। आँवला (Amla) खाये, विटामिन सी (Vitamin-C) ले।
गर्म दूध के साथ जिंकयुक्त आहार या जिंकयुक्त मल्टीविटामिन्स लें।